हम उनकी यादो बिस्तर पर रो रहे है,
और लोग समझते हम चेन से है ,
उनके जाने से शहर की कितनी हस्तीओ का दिल टुटा ,
और नासमझ उनके घर वाले तो देखो -
समझते लोग मेरी बेटी की विदाई में रो रहे है
क्या मदहोश फूल खिला था इस वक़्त के बगीचे में ,
आज उसी की याद में वो पागल माली रहे है ,
और वो २ पल की जुदाई भी तो देखो क्या असर कर गई
वो मुझ से बिछड़ के पागल उधर हो गई
हम उनसे बिछड़ के पागल इधर है
और लोग समझते हम चेन से है ,
उनके जाने से शहर की कितनी हस्तीओ का दिल टुटा ,
और नासमझ उनके घर वाले तो देखो -
समझते लोग मेरी बेटी की विदाई में रो रहे है
क्या मदहोश फूल खिला था इस वक़्त के बगीचे में ,
आज उसी की याद में वो पागल माली रहे है ,
और वो २ पल की जुदाई भी तो देखो क्या असर कर गई
वो मुझ से बिछड़ के पागल उधर हो गई
हम उनसे बिछड़ के पागल इधर है
- arvindra chohan
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