बुझने लगे दिए अब तेज हवाओं ,
रहा नहीं अब दम मेरी दुआओं में ,
तड़प रहा पंछी चाहत के गांव में ,
डूब रही कश्ती समुंदर की बाहों में ,
बुझने लगे दिए .......................!
💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖
बह रहे रिश्ते आंसुओं की धाराओं में ,
बिछड़ा रही अपने अपनों की राहों में ,
जा रहे अपनी गैरों की बाहों में ,
रोक रही वफाएं लिपट किसी की किसी के पांव में ,
बुझने लगे दिए ...........................!
💜💜💜💛💛💛❤❤❤💚💚💚
डूब गई कश्ती अब तेज धाराओं में
डूब रहा अब मैं आ के करीब चाहत के गांव में
सूख गई झीले जहां बैठे कभी उनकी बाहों मै
जल गई खुशियां इन गमों कि आहो मे
बुझने लगे दिए .......................!
👄👄👄👄👄👄👄👄👄👄👄👄
किसी ने किसी के नाम की चूड़ियां पहन ली बाहो मे
कोई किसी को छोड़ गया किसी कि राहों मे
2 भीग रही पलकें यादों की छांव मे
कोई अब भी राह देख रहा किसी की किसी की राहों में
बुझने लगे दिए ........................!
💋💋💋💋💞💞💞💞💋💋💋💋
- Arvindra chohan
nice
ReplyDelete