Sunday, February 11, 2018

बुझने लगे दिए .............!

                          बुझने लगे दिए अब 
बुझने लगे दिए अब तेज हवाओं ,
              रहा नहीं अब दम मेरी दुआओं में ,
तड़प रहा पंछी चाहत के गांव में ,
              डूब रही कश्ती समुंदर की बाहों में ,
बुझने लगे दिए .......................!
💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖
बह रहे रिश्ते आंसुओं की धाराओं में ,
              बिछड़ा रही अपने अपनों की राहों में ,
जा रहे अपनी गैरों की बाहों में ,
              रोक रही वफाएं लिपट किसी की किसी के पांव में ,
बुझने लगे दिए ...........................!
💜💜💜💛💛💛❤❤❤💚💚💚
डूब गई कश्ती अब तेज धाराओं में 
             डूब रहा अब मैं आ के करीब चाहत के गांव में 
सूख गई झीले जहां बैठे कभी उनकी बाहों मै 
            जल गई खुशियां इन गमों कि आहो मे
बुझने लगे दिए .......................!
👄👄👄👄👄👄👄👄👄👄👄👄
 किसी ने किसी के नाम की चूड़ियां पहन ली बाहो मे
           कोई किसी को छोड़ गया किसी कि राहों मे 
2 भीग रही पलकें यादों की छांव मे 
          कोई अब भी राह देख रहा किसी की किसी की राहों में
बुझने लगे दिए ........................!
💋💋💋💋💞💞💞💞💋💋💋💋
                                              - Arvindra chohan 

1 comment: